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शनिवार, 2 अक्तूबर 2021

दुष्यंत चौटाला की लोकप्रियता से घबराया विपक्ष

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की लोकप्रियता को देखकर सभी विरोधी घबराए हुए है! क्योकि वो अच्छी तरह जानते है दुष्यंत चौटाला में हरियाणा की जनता अपना भविष्य देखती है हरियाणा की जनता एक मात्र उम्मीद दुष्यंत चौटाला का सरकारी आवास है जहा हरियाणा की जनता अपने जयाज  कामो के लिए एक उम्मीद के साथ जाती है जनता की उम्मीदे वहा पर पुरी भी होती है देखा जाए तो हरियाणा के सभी मंत्रीयों सबसे ज्यादा भीड दुष्यंत चौटाला के सरकारी आवास पर होती है! ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा की जनता को उन पर एक विश्वास है! दुष्यंत चौटाला में जो सादगी है! 
दुष्यंत चौटाला की सादगी कि मिसाल पुरे हरियाणा में दी जाती है!  तथा उनके व्यवहार की चर्चा पुरे विश्व में है दुष्यंत चौटाला के सरकारी आवास पर अपनी समस्या लेकर आए रोहित और अभिषेक ने कहा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हमारी समस्या ध्यान से सुनी और जल्द दूर करने का आश्वासन रोहित और अभिषेक ने कहा दुष्यंत चौटाला जैसा व्यवहार आज तक किसी नेता में नहीं देखा वही किसानों भी पुरी तरह दुष्यंत चौटाला के साथ जो विरोध कर रहे है वो विपक्षी है ये झज्जर में सामने भी आ चुका कांग्रेस के पदअधिकारी हैं ये सामने आ चुका है और हरियाणा जनता भी ये समझ चुकी है!

रविवार, 1 अगस्त 2021

दोनों हाथों में लड्डू लेकर घूम रहे पूर्व सीएम चौटाला*

*दोनों हाथों में लड्डू लेकर घूम रहे पूर्व सीएम चौटाला* 

किसानों के सामने भाजपा का विरोध 

बंद कमरों में भाजपा के सहयोगियों से सियासी मुलाकात 

खुद के वजूद के लिए राजनीतिक शय तलाश रहे हैं चौटाला 

तीसरे मोर्चे के हवाई दावों के पीछे नीतीश कुमार के जरिए भाजपा से संर्पक साधने के प्रयास 

*दो धारी तलवार वाली पुरानी रणनीति* 

इनेलो हमेशा से ही दोगली राजनीति की परिचायक रही है 

SYL के मुद्दे पर जब एक तरफ हरियाणा में वोट मांगे जा जा रहे थे वहीं दूसरी तरफ प्रकाश सिंह बादल के साथ चौटाला के  राजनीतिक सम्बंध गगन चुम्ब रहे थे

इसके अलावा भी अनेक ऐसे उदाहरण रहे जहां इनेलो का बीजेपी के प्रति एकतरफा लगाव जन साझा हुआ 

कर्ण चौटाला के रंग बिरंगे बयान ने इनेलो की गिरगिट जैसी फितरत सबके सामने रखी थी

*ममता बनर्जी के समर्थन का दावा करने वाली इनेलो नाकामयाब*

प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किया गया था ममता - चौटाला की मुलाकात का दावा

इससे कहीं ना कहीं ये सिद्ध हुआ है कि एक तरफ तीसरे मोर्चे की पैरवी करने वाले दल इनेलो से लगाव नहीं रखते और दूसरी तरफ चौटाला के राजनीतिक बयानों में कोई ताकत नहीं है

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

भारतीय मीडिया देश में चल रहे किसान आंदोलन को चाहे नकरात्मक रुप से दिखाए परन्तु पाकिस्तान के किसान आंदोलन जरूर दिखाए गी!


ये सच ज्यादातर मुख्य धारा के मीडिया चैनल किसान आंदोलन को नकरात्मक रुप से दिखा रहे हैं! वही न्युज एकरों की बात करे तो सदीप चौधरी और रविश को छोड़कर बाकियों का रवैया किसान आंदोलन के प्रति सही नहीं हैं!   वही zee News और अरब गोस्वामी चैनल तो पुरी तरह किसान आन्दोलन को नकरात्मक तौर पर दिखा रहा हैं! वही ज्यादातर चैनलों का रवैया किसान आन्दोलन के प्रति नकरात्मक हैं और वही चैनल पाकिस्तान के किसान आंदोलन को सकरात्मक तौर पर जरूर दिखा रहे देखे विडियों 

सोमवार, 25 जनवरी 2021

किसानों और जवानों के बीच गणतंत्र दिवस पर अंबाला में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला।


सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के बावजूद दुष्यंत चौटाला ने नहीं बदलने दिया अपना कार्यक्रम। 


चंडीगढ़ - किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के चलते जब मुख्यमंत्री समेत ज्यादातर मंत्रियों के ध्वज फहराने के कार्यक्रमों में बदलाव हो रहा था तो हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने अपना कार्यक्रम बदलवाने से साफ मना कर दिया। जब सुरक्षा एजेंसियों ने आंदोलन के चलते उपमुख्यमंत्री जी से अम्बाला जिले से कार्यक्रम बदलने की गुहार की तो दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वो जनता की बदौलत ही उपमुख्यमंत्री है और किसानों और जवानों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर हरियाणा की जनता से दूर नहीं जा सकते। उन्होंने कहा वो किसानों के मुद्दे को अच्छे से समझते है और सदन एवं सरकार में उनकी पैरवी करते हैं। हरियाणा के युवा उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है जिसको वो किसानों के साथ मनाना पसंद करेंगे।

गौरतलब है कि दुष्यंत चौटाला की गिनती ना डरने और जनता के बीच रहने वाले नेताओं में होती है। 2019 के विधानसभा चुनाव में जब हार के डर से उनको पिछली विधानसभा उचाना छोड़कर अन्य नई विधानसभा से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई  तो तब भी वो पीछे नहीं हटे और कद्दावर नेता को हराकर भारी मतों से जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनको हिसार लोकसभा छोड़कर अन्य जगह से चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया था। इनेलो से निकाले जाने के समय भी वो मजबूती के साथ खड़े रहे थे और अलग पार्टी का गठन किया था।  दुष्यंत चौटाला कहते है कि उन्होंने चौधरी देवीलाल जी से आगे बढ़ना सीखा है , वो हार जीत या अन्य किसी भी तरह के डर से पीछे नहीं हट सकते।

बुधवार, 20 जनवरी 2021

किसानों के आंदोलन के बारे में आधारहीन नकारात्मक ख़बरें क्यों प्रसारित कर रहा हैं मीडिया

 !किसानों का मीडिया से लगातार भरोसा टूट रहा है! और यह भरोसा टूटना भी लाजमी है! मीडिया को चाहिए कि वह जनहित के मुद्दे उठाए! वैसे देखा जाए तो मीडिया मौजूदा समय में सत्ता पक्ष की बजाए विपक्ष से सवाल करती है! और किसान भी सत्ता पक्ष  से ही लड़ रहे हैं! मीडिया उनका साथ देगी ऐसी उम्मीद करना बेवकूफी  देखा जाए तो प्राइवेट चैनल अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में 24 घंटे शुरू हुए थे तब से लेकर मनमोहन सिंह के शासनकाल तक चैनल हमेशा सत्ता पक्ष से सवाल करते थे! और जनहित के मुद्दे उठाते थे लेकिन 2014 के बाद भारतीय मीडिया विपक्ष से ही सवाल करने लग गए सरकार की कमियों को बड़ी खूबसूरती से दबा जाते हैं  2014 के बाद  ज्यादातर debate Hindu Muslim पाकिस्तान  से सम्बंधित होती जब भी देश में कोई समस्या होती है मीडिया  सत्ता पक्ष की बजाए विपक्षी ही सवाल करने लग जाते हैं!

अब बात  करते हैं कृषि बिल के बारे में सरकार बिल करोना काल में लेकर आई जब सब कुछ बंद था! वही करोना काल में ही संसद में पास हुआ! जबकि अब करोना के बहाने संसद सत्र रद्द कर दिया किसान आरोप लगा रहे हैं ये बिल उधोगपति को फायदा पहुचाने वाला हैं! ऐसे में मीडिया चैनल के मालिक ज्यादातर उधोगपति हैं या उनके सहायक हैं! ऐसे में मीडिया से यही उम्मीद थी न्युज 24 और एनडीटीवी, बीबीसी को छोड़कर बाकि  चैनल किसान विरोधी रुख अपना रहे हैं! इसमें Zee और अरब गोस्वामी के चैनल तो किसानों को आतंकवादी तक बता रहे हैं! प्रिट मीडिया में जागरण और भास्कर खुलेआम किसान विरोधी रिपोर्टिंग कर रहे हैं! भास्कर ने किसान नेता पर 10 करोड़ में सरकार गिराने के आरोप भी लगाए जो बाद में झुठे निकले लेकिन सरकार ने अखबार पर कोई कार्रवाई नहीं की फेसबुक भी अब इसमें शामिल हो गई है किसानों की पक्ष में बात करने वालो की id बंद की जा रही हैं!
 इसमें किसान नेता विकास सिहाग का कहना मीडिया द्वारा आंदोलन को कमजोर करने लिए जो गलत भ्रम फैलाया जा रहा बहुत ही निंदनीय हैं! इस पर मीडिया की विश्वसनीयता कमजोर हुई मीडिया देश का चौथा स्तम्भ हैं मीडिया को सही खबरे दिखाने चाहिए :                                                                                                                                                                                    मीडिया में काम कर चुके विनोद सैनी का कहना हैं मीडिया का सबसे निम्न स्तर जिदंगी में पहली बार देख रहा हुं
 
समाजसेवी और किसान बिजेंद्र बरसोंला का कहना हैं सरकार के आगें मीडिया रेग रही हैं सरकारे तो आती जाती रहती हैं मीडिया को चाहिए किसानों का साथ दे                                                                                                                                                                               

कृषि बिल
 ‌‌‌के खिलाफ किसान अजय मलिक का कहना हैं पहले मीडिया सता  पक्ष से सवाल करती थी! अब विपक्ष से मैन स्ट्रीम मीडिया द्वारा फेकऔर किसान के विरोधसमाचारजैसे कि किसानों के खिलाफ मैन स्ट्रीम मीडिया ने प्रोपैगडा चलाया हुआ हो  ! इससे मीडिया से मोह भंग हुआ ! वही जिस तरह अर्नब की चैट लिक हुई ये गंभीर मामला। हैं 

मंगलवार, 19 जनवरी 2021

मात्र 1500 में घुमे मैक्लोडगंज

 

अगर आप बजट हो होने के कारण घुमने - फिरने नहीं जा रहे तो अब आपको उसकी टैशन नही  अब मात्र 1500 में आप मैक्लोडगंज-धर्मशाला मैं घुम सकते हैं!

 कहा स्थिति हैं मैक्लोडगंज

मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले मैं है यह चंडीगढ़ से लगभग 240 किलोमीटर दुर हैं! और धर्मशाला से 10 किलोमीटर दुर स्थिति हैं!

: कैसे पहुंचे मैकलोड़ गंज                                                                                                            


 मैकलोड़ गंज पहुंचने के लिए सबसे पहले चंडीगढ़ 43 बस स्टैंड से धर्मशाला के लिए बस लेनी होगी जिसका किराया धर्मशाला तक करीब ₹450 और धर्मशाला के लिए चंडीगढ़ 43 से  बस स्टैंड से बस रात को 12:00 बजे चलती है वैसे तो चलती रहती है लेकिन मैं रात को 12:00 बजे चला वह बस आपको सुबह करीब 5:00 बजे धर्मशाला पहुंचा दे ‌‌‌देगी! उसके बाद धर्मशाला पहुंचकर बहुत से शेयरिंग जब चलती है उसने आप जा सकते धर्मशाला से निकलकर तक का किराया ₹20 उसके बाद आप अगले करीब 20 से 25 मिनट में पहुंच जाएंगे!

मकरोल गंज में होटल कितने बजट में मिल सकता है

मकरोल गंज में होटल फिलहाल पर्यटक ना आने के कारण काफी खाली पड़े हुए हैं अच्छे से अच्छा होटल बजट में मिल जाता हमने बहुत अच्छा होटल 2 दिन के लिए ₹500 में रूम मिल गया और जो काफी बजटेड था ‌‌‌ जिसमें में LED attach Latin bathroom aur acchi balko थी होटल की लोकेशन भी सही थी!

 मकरोल गंज में कहां-कहां घूमे


      दलाई लामा मंदिर          

                    यह होटल सिंह करीब 1 किलोमीटर दूरी पर था दलाईलामा लेकिन करोना के कारण यह बंद था इससे कुछ दुरी पर बौद्धिक मंदिर मदिर थायहां पर आकर काफी अच्छा लगा यहां पर एक घुमाने के लिए चक्कर सा था जिसके बारे में कहा जाता है कि इस को घुमाने से नेगेटिव एनर्जी बाहर निकल जाते है!


भागसुनाग मंदिर

: यह मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है यह  काफी   पुराना है भागसुनाथ मंदिर मैकलोडगंज का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है मंदिर जो सुंदर ताल और हरियाली से घिरा हुआ है। यह मंदिर मैकलोडगंज से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भागसुनाग मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जिसको देखने आप अपनी मैकलोडगंज की यात्रा के दौरान जा सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा भागसू द्वारा भगवान शिव और स्थानीय देवता भागसू नाग के समर्पण में बनाया गया था। भागसुनाथ मंदिर समुद्र तल से 1770 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और यहां साल भर बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक आते हैं।  मदिर के परागन में स्विमिंग भी हैं जिसमें आप नाहकर अपनी थकान उतार सकते हैं करोना के कारण अभी  ये खाली था पूल खाली था!                                                                              भागसू फॉल्स




भागसू
फॉल्स मक्लिओडगंज से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है।  भागसुनाथ  मंदिर जगह से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मदिर के परागन में भी जिसमें आप नाहकर अपनी थकान उतार सकते हैं करोना के हैं  आधा किलोमीटर के रास्ते में करीब 100 मीटर का रास्ता बहुत ही खतरनाक हैं मैं भी खाई में गिरते.2 बचा था वहा पर पानी काफी ठडा हैं पैर भिगोने भी बहुत मुश्किल हैं
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मैक्लोडगंज के आसपास और बहुत सारे पर्यटक स्थल हैं अभी कोरोना के कारण ज्यादरतर  बंद थे !                                      मैकलोडगंज में  स्थानीय भोजन                                                    

  
वैसे तो में खाना मंहगा होता हैं लेकिन अबकि बार सस्ता था 50 रू में सयोबिन का पराठा खाने से शाम को खाने की जरूरत पडती हैं 250 रू में एक दिन का खाना आराम से हो जाता हैं वही थिपुं यहा की फेमस डिस थी जो सर्दी से बचाती हैं जिसकी कीमत 130 रू हैं जो हमने भी ली 1                                                     यहा आकर आपको लगेगा विदेशों जैसी फीलिग आएगी  और ल्हासा नजदीक होने से वहा की फिलिग मिलेगी अपने तिब्बती मठों और प्रार्थना पहियों के साथ मैक्लोडगंज, धर्मशाला क्षेत्र का ऊपरी हिस्सा है, जो तिब्बती और बौद्ध संस्कृति के मिश्रण को प्रदर्शित करता है। यहां पर आप शांतिपूर्ण तिब्बती मठ में आकर अपने मन को शांत कर सकते हैं और ध्यान लगाकर अपनी अंतरात्मा को जान सकते हैं। अपनी यात्रा के दौरान आप कई तिब्बती व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं और मैकलोडगंज बाजार से प्रामाणिक तिब्बती स्मृति चिन्ह खरीदकर अपने साथ ले जा सकते हैं।      

जेजेपी का बड़ा वादा पूरा, 75 प्रतिशत स्थानीय रोजगार कानून हुआ अधिसूचित बड़ी खुशी का दिन, 75 प्रतिशत लोकल रोजगार कानून देगा युवाओं को सुनहरा भविष्य - दुष्यंत चौटाला

*चंडीगढ़, 6 नवम्बर।* दीपावली पर्व पर हरियाणा के युवाओं के लिए शनिवार का दिन बड़ी खुशी लेकर आया हैं क्योंकि जननायक जनता पार्टी का हरियाणवी यु...

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