*चंडीगढ़, 6 नवम्बर।* दीपावली पर्व पर हरियाणा के युवाओं के लिए शनिवार का दिन बड़ी खुशी लेकर आया हैं क्योंकि जननायक जनता पार्टी का हरियाणवी युवाओं से किया गया बड़ा चुनावी वादा पूरा हो गया है। राज्य सरकार ने ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कानून शनिवार यानी 6 नवम्बर से लागू हो गया है। कम्पनियों को अपने कर्मचारियों के बारे में जानकारी देने के लिए 15 जनवरी तक का वक्त दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि निजी नौकरियों में राज्य के स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाना वास्तव में हरियाणा के इतिहास में एक क्रांतिकारी कदम है जिसे लागू करने का साहस वर्तमान सरकार ने उठाया है। यह जजपा का चुनावी वायदा भी था। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के कुशल, अर्धकुशल व अकुशल युवाओं को अपने ही प्रदेश में अच्छा रोजगार मिलेगा।
डिप्टी सीएम ने आज ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ की अधिसूचना जारी होने पर ट्वीट करते हुए बताया कि उद्योगपतियों के सुझावों पर इस कानून में कुछ बदलाव किया गया है जिसमें अब 50 हजार की जगह 30 हजार रुपए तक की निजी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा के मूल निवासी को ही योजना का लाभ मिलेगा।
दुष्यंत चौटाला ने जानकारी दी कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के उपनिदेशक स्तर के अधिकारी इसकी निगरानी करेंगे। उन्होंने बताया कि ईंट-भटों पर यह नियम लागू नहीं होगा, क्योंकि इस तरह के श्रमिक हरियाणा में कम उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आईटीआई पास युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अगर कोई कंपनी, फैक्टरी, संस्थान, ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो उस पर जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि निजी सेक्टर में पहले से कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। उन्होंने विस्तार से जानकारी दी कि 30 हजार रुपए तक की नौकरी वाले हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेबसाइट पर अपने नाम का पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण नि:शुल्क है, इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म अथवा रोजगार प्रदाता की होगी। जो कंपनी अपने कर्मचारी की सूचना पंजीकृत नहीं करवाएगी उसे ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ के सेक्शन-3 के तहत 25 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना किया जा सकेगा। अगर फिर भी कंपनी कानून का उल्लंघन करती है तो उसे हर रोज पांच हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
उपमुख्यमंत्री ने इस कानून को प्रदेश के युवाओं के लिए तोहफा बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास राज्य सरकार का यह कदम युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य लेकर आएगा।
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