हरियाणा के जींद जिले में जुर्म का ग्राफ इतना बढ़ गया है कि अब महिलाएं सरकारी दफ्तर में भी सुरक्षित नहीं है। उचाना एसडीएम कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर ने एसडीएम सहित सहयोगी स्टाफ से परेशान करने का आरोप लगाकार जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली। मृतका ने मरने से पहले चार पेज का सुसाइड नोट तथा वॉयस रिकोर्डिंग भी छोड़ी है।
जिसमें एसपी जींद से कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने बताया कि महिलाकर्मी द्वारा सुसाइड नोट छोड़ा गया है। फिलहाल परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि जो लोग दोषी हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल मृतका के पति दिनेश ने बताया कि उसकी पत्नी पिछले छह साल से डीसी रेट पर एसडीएम कार्यालय में कंप्यूटर आप्रेटर के पद पर कार्यरत थी। पिछले दो साल से वह एसडीएम कार्यालय उचाना में एक मात्र अकेली महिला कर्मी थी। उसकी पत्नी से गलत कार्य करवाए जाते थे।
जब उसकी पत्नी मना करती थी तो बाद में कंप्यूटर खोल कर गलत कार्य किए जाते थे। कर्मचारियों की गलत हरकत की शिकायत एसडीएम से की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। रात को जहर निगलनके के बाद उसकी पत्नी सहयोगी कर्मचारियों व एसडीएम के रवैये के बारे में बताया था। उसने एसडीएम सहित अन्य सहयोगी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है। मृतका अपने पीछे एक लड़का व एक लड़की छोड़ गई है। बतादें कि गांव खटकड़ निवासी एक 35 वर्षीय महिला उचाना स्थित एसडीएम कार्यालय में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत थी। बीती देर रात महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
मरने से पूर्व महिला ने चार पेज का सुसाइड नोट तथा वॉयस रिकॉर्डिंग भी छोड़ी है। सुसाइड नोट तथा वॉयस रिकोर्डिंग में एसपी जींद से गुहार लगाई गई है कि क्लर्क संदीप थुआ, एमटीएस मन्नू, सुखदेव, अर्जुन, अतुल, बलबीर गिल, बलकार, दीपा, तरसेम सहित कुछ अन्य लोग अश्लली हरकत करते थे और उस से गलत कार्य भी करवाते थे। यहां तक की वीरवार को छुट्टी होने के बाद उसके कंप्यूटर को खोला गया और गलत कार्य किया गया। एसडीएम कार्यालय में उससे करवाए जा रहे गलत कार्यों के बारे में एसडीएम राजेश खोथ से शिकायत भी की गई थी लेकिन उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया।
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