1. किसानों पर लाए गए 3 अध्यादेशों में किसान का क्या नुकसान है ? क्या किसी नेता ने इसे समझाने की कोशिश की ?
2. क्या किसानों को किसी ने बताया कि अध्यादेश से किसानों को फसल बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और MSP पर कोई उल्टा प्रभाव नहीं पड़ेगा ?
3. तीनों अध्यादेश राष्ट्रपति द्वारा लाए गए हैं तो क्या कांग्रेस या अन्य किसी विपक्ष दल का प्रतिनिधि मंडल इसको लेकर राष्ट्रपति से मिला ?
4. अगर मान भी ले, अध्यादेश किसानों के खिलाफ है तो क्या किसी नेता ने इनको कोर्ट में चुनौती दी ? जबकि सूरजेवाला जैसे नेता तो खुद वकील है।
5. अध्यादेश सिर्फ केंद्र सरकार वापिस ले सकती है तो प्रदर्शन के लिए हरियाणा को क्यों चुना गया ? प्रदर्शन तो दिल्ली में होना चाहिए था।
6. अगर किसानों का प्रदर्शन हर राज्य में होना था तो प्रदर्शन पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में क्यों नहीं हुआ जहाँ कांग्रेस की सरकार है ?
7. जब पुलिस महकमा गृह मंत्री अनिल विज का है और कुरुक्षेत्र, अंबाला का इलाका भी अनिल विज का है तो वहां पर सभा में दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नारेबाजी क्यों हुई ?
8. अध्यादेश केंद्र की बीजेपी सरकार ले कर आई। हरियाणा के कृषि मंत्री भी बीजेपी के , गृह मंत्री भी बीजेपी के और हरियाणा से 14 सांसद भी बीजेपी के तो घेराव सिर्फ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के घर का क्यों ?
9. पिपली में इक्कट्ठा होने वाले और घायल होने वाले सभी व्यक्तियों का कांग्रेस के बड़े नेताओं से कनेक्शन क्यों ?
10. जब धारा 144 लगाई गई तो क्या कोई नेता इसको हटवाने के लिए कोर्ट में गया, क्या घायलों ने FIR करवाई ?
ये सभी सवाल आपके लिए हैं जिससे आपको पता लग जाएगा कि वास्तव में दोषी कौन है। आपको पूछना भी चाहिए जब वो हरियाणा में 10 साल मुख्यमंत्री थे, उसी समय 10 साल केंद्र में उनकी सरकार थी तो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हुई ? SYL का निर्माण क्यों नहीं हुआ ?
किसानों की जमीनें लूटकर अरबपति बनने वाले कांग्रेसी नेता नहीं चाहते की हरियाणा में कोई भी ऐसा युवा नेता आगे बढ़े जो ताऊ देवीलाल की नीतियों पर चलकर किसानों के हितों की रक्षा करे, उनके हकों की लड़ाई लड़े।
ये एक साजिश है किसानों के लिए लड़ने वाले नेता के खिलाफ।
ये एक साजिश है बरोदा उपचुनाव के लिए।
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