महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी रोहतक (एमडीयु ) में जनंसचार एवम्र पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हरिश कुमार हवाई जहाज में पीएचडी में एडमिशन की सेटिग करते हैं आरोप यु ही नही इटरव्यु लेकर न न काबिल युवा के साथ जाते हैं और मेरिट लिस्ट लगने से एक दिन पहले आते हैं
सारा मामला कुछ इस तरहां से है, जींद निवासी अजय मलिक ने पीएचडी एडमिशन में अनियमितताओं बारे एक शिकायत महानिदेशक विजिलेंस से की है l अजय मालिक ने अपनी शिकायत के बारे में बताते हुए कहा कि उस ने 2018-19 में जनंसचार एवम्र पत्रकारिता विभाग में पीएचडी करने के लिए आवेदन किया था ! अजय के मुताबिक 2018-19 पीएचडी में दाखिले के लिए योग्यता Net, jRF, mphil और pre phd. mdu थी इसके साथ ही वैलिड नैशनल स्कोलशिप थी जो एंट्रेंस टेस्ट शामिल होने के लिये जरूरी था l
महानिदेशक विजिलेंस को भेजी शिकायत में अजय ने कहा है कि अनिल नाम के एक अन्य उम्मीदवार ने भी 2018-19 में जनंसचार एवम्र पत्रकारिता विभाग में पीएचडी करने के लिए आवेदन किया था l अनिल की राजीव गाधी स्कोलरशिप थी वो स्कोलरशिप के एमफिल या पीएचडी में एडिमिशन होना अनिवार्य हैं साथ ही किसी उम्मीदवार को एमफिल में राजीव गाधी स्कोलरशिप मिलती है तो उसे एमफिल पास करनी अनिवार्य हैं! अगर पास नही कर सके तो स्कारशिप रद्द कर दी जाती हैं l
शिकायत में अजय ने कहा है कि अनिल का एमफिल में एडमिशन एमडीयु के जनसंचार मे था उन्होने पीएचडी में आवेदन किया और प्रवेश परिक्षा दी वो उसमें फेल हो गया l अजय का दावा है कि इंटरव्यू के लिए जरूरी योग्यता नहीं होने के कारण उसका इंटरव्यू नहीं लिया जाना चाहिए था l परन्तु अनिल के पास न तो नेट ही क्लियर था और न एमफिल पास था उसके बावजूद अनिल का इंटरव्यू लिया गया और दाखिले में टाप भी किया l क्यूंकि एमफिल न होते हुए भी अनिल को 25 नम्बर मेरिट में दिए गए और 5 नंबर राजीव गाँधी स्कालरशिप के भी जोड़े गए l
शिकायत में अजय ने कहा है कि पीएचडी एडमिशन के लिए जो सेलक्शन कमेटी गठित की गई थी दाखिले के अंतिम निर्णय पर कमेटी के अन्य सदस्यों को नज़र अंदाज़ कर जनंसचार एवम्र पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हरिश कुमार के ही हस्ताक्षर हैं l अजय मलिक के अनुसार प्रोफेसर हरिश कुमार पीएचडी का इटरव्यू लेने के बाद अनिल के साथ हवाई जहाज से घुमने गए और मेरिट लिस्ट लगने से एक दिन पहले आए इस दौरान क्या सेटिंग हुई ? इसकी जाँच विजिलेस से इसकी जांच की मांग विजिलेस से करने की अपील की है l
शिकायत में अजय ने कहा है कि आरटीआई में जवाब मांगने पर गलत जानकारी दी गई l अजय ने बताया कि जनसुचना अधिकारी भीजनंसचार एवम्र पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हरिश कुमार ही हैं l RTI से जो सुचना दी गई है उस में उन्होने कहा है कि अनिल का दाखिला जिस आधार पर किया गया उसके समकक्ष योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों के नाम RTI में दिए, जिनमें से एक शिव कुमार एमफिल में पास हैं l
विजिलेंस को दी गई शिकायत में अजय मलिक ने कहा है कि एडमिशन के समय आरटीआई में गलत जानकारी देने पर रेवाडी पुलिस के जनसुचना अधिकारी के खिलाफ एफआर हो चुकी हैं l प्रोफेसर हरिश कुमार ने RTI में जवाब दिया है कि अनिल ने अपना दाखिला खुद कैसिल करवाया, तो फिर सवाल उठता है कि अपना दाखिला खुद कैसिल करवाने वाले आवेदक ने अगली बार उसी विभाग में इंटरव्यू क्यों दिया ? इसकी जांच की जाये l
अजय मलिक ने अपनी शिकायत में ये भी कहा है कि प्रोफेसर हरिश कुमार ने मेरा सितबर 2020 से एमफिल रेगलुर का सार्टिफेट नही दिया जबकि बाकियों के हाथों हाथ दिए इसकी शिकायत भी विजिलेस से की साथ शिकायतकर्ता अजय मलिक ने विजिलेंस महानिदेशक को से कहा है यदि इस मामले की जाँच रोहतक जिले में हुई तो इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठे अधिकारी द्वारा जाँच को प्रभावित करने की पूरी आशंका है l अत: इस मामले की जाँच रोहतक से बाहर अन्य जिले के किसी अधिकारी करवाई जाये ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके l अजय मलिक ने जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सख्त करवाई की गुहार भी विजिलेंस महानिदेशक से की है ताकि भविष्य में किसी अन्य छात्र के साथ ऐसा खिलवाड़ ना हो l
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