कांग्रेस पार्टी के 31 विधायक हैं और जेजेपी के 10 विधायक। आप आंकलन करके बताइए किसानों के साथ किस पार्टी के विधायक निस्वार्थ भाव से खड़े मिले।
बाक़ी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता सिर्फ अपने नेता की हाज़री के लिए सड़कों पर आते है, लेकिन जब जरूरत पड़ी जेजेपी का हर कार्यकर्ता तन-मन-धन से किसानों के साथ सड़क पर खड़ा मिला।
• क्या विपक्षी पार्टी ने कृषि कानूनों के खिलाफ कोई कोर्ट में मुकदमा किया, क्या कोई विपक्षी नेता कृषि मंत्री या अन्य व्यक्ति से मिला। नहीं क्योंकि वो किसानों को सिर्फ यूज करके सत्ता हासिल करना चाहते है। लेकिन जेजेपी का शीर्ष नेतृत्व मुकदमे वापिसी के लिए, MSP की गारंटी के लिए बार बार संबंधित व्यक्तियों से मिल रहा है।
जिस तरह दीनबंधु सर चौधरी छोटूराम कांग्रेस के खिलाफ रह कर, सरकार का हिस्सा बन कर किसानों की हितों की रक्षा कर पाए उसी तरह आज मात्र 10 विधायकों के साथ जननायक जनता पार्टी फसलों का MSP के साथ-साथ किसानों के बाकी सभी हकों की लड़ाई सड़क और सदन में लड़ रही है।किसानों के बीच जाकर राजनीति करने के लिए इस्तीफे जरूरी हो सकते हैं परंतु किसानों के हालातों को सुधारने के लिए सदन में किसान हितैषियों का होना बेहद जरूरी है
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