*चंडीगढ़, 02 नवम्बर।* जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने अपने चाचा इनेलो नेता अभय चौटाला के उस बयान पर हैरानी और सख्त एतराज जताया है जिसमें अभय चौटाला ने दिग्विजय के लिए 'कंजर' शब्द का इस्तेमाल किया था। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जननायक चौधरी देवीलाल के परिवार में इस तरह के अपशब्दों के इस्तेमाल का इतिहास कभी नहीं रहा और अभय चौटाला अपनी बौखलाहट में पूरे खानदान को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे खुद चौधरी देवीलाल के पड़पौत्र हैं और ऐसे शब्द सुनकर जननायक के सभी अनुयायी आहत हैं। बीते दिनों जहां हरियाणा के सभी नेता बरोदा उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों के पक्ष में बातें कर रहे थे, वहीं इनेलो नेता अभय चौटाला अपने जहन में जेजेपी के प्रति भरी नफरत और जलन को जाहिर कर रहे थे। दिग्विजय ने कहा कि बिना कारण ऐसी जहरीली बातें प्रदेश का सिर्फ एक ही नेता कर सकता है और इन्हीं आदतों की वजह से वे आज पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कंजर शब्द का इस्तेमाल करने वाले अभय सिंह को यह पता होना चाहिए कि आज़ादी से पहले लोग इस शब्द का इस्तेमाल अनुसूचित जाति के कमजोर लोगों को अपमानित करने के लिए करते थे, जिसे बाद में कानूनी रूप से अशोभनीय शब्द मानकर इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। कुछ इलाकों में यह शब्द वेश्यावृति के संबंध में भी इस्तेमाल होता है। दिग्विजय ने पूछा कि क्या अभय चौटाला ऐसी बयानबाज़ी कर सभी गरीब वर्गों और समाज की कमजोर जातियों के प्रति अपनी सोच को जाहिर करना चाहते हैं? साथ ही चौधरी देवीलाल परिवार के एक सदस्य को ऐसा बोलकर क्या अभय चौटाला अपने बिगड़ते मानसिक संतुलन का परिचय नहीं दे रहे हैं ?
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि बीते दो दिनों में उनके पास कई शुभचिंतकों और बुद्धिजीवियों के फोन आए और सभी ने कहा कि मानसिक रूप से दिवालिया हो चुका कोई इन्सान ही ऐसी बातें कर सकता है। दिग्विजय ने कहा कि दो साल पहले आज ही के दिन 2 नवम्बर 2018 को उन्हें और दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निष्कासित किया गया था। उसके बाद डॉ अजय सिंह चौटाला के निर्देश पर हमने उस पार्टी से झंडा, डंडा, निशान, बैंक बैलेंस आदि कुछ भी नहीं लिया और शून्य से शुरुआत की। एक साल के भीतर घमंड में चूर वो पार्टी 2 प्रतिशत वोटों पर आ गई और जननायक जनता पार्टी ने लोगों से सरकार चलाने का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया। दिग्विजय ने कहा कि इनेलो के पतन के कारण तो कई हैं, लेकिन बदज़ुबानी का जो उदाहरण अभय चौटाला ने अब दिया है, वह भी एक बड़ी वजह है कि लोगों ने उस दल को बीते 2 साल में कई बार नकारा है। दिग्विजय ने कहा कि अभय चौटाला ने उन्हें पार्टी से तो निकाल दिया लेकिन अपने ज़हन से आज तक नहीं निकाल पाए। दिग्विजय ने अफसोस के साथ कहा कि विधानसभा में जूता निकालने, मीडिया के सामने गोली मारने की बात करने वाले उनके चाचा अभय चौटाला को अगर लोग घमंडी और नॉन सीरियस पॉलिटिशियन कहते हैं तो गलत नहीं कहते।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कुछ जानकारों ने उन्हें बताया है कि कंजर शब्द के इस्तेमाल पर अदालतों में मुकद्दमे तक चले हैं और ऐसा कहने वालों को वहां माफी मांगनी पड़ी है। हालांकि दिग्विजय इस मामले पर किसी कानूनी फैसले से ज्यादा आम जनता और चौधरी देवीलाल के अनुयायियों के रुख को महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि ईश्वर उनके चाचा को सदबुद्धि दे और हरियाणा के लोग ऐसी मानसिकता वाले लोगों को पहचानें।
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