1. दुष्यंत चौटाला न सिर्फ काम, कद-काठी में ताऊ देवीलाल जैसे मजबूत हैं बल्कि उनकी कार्यशैली भी हुबहू ताऊ देवीलाल जैसी है।
2. जिस तरह से ताऊ देवीलाल गरीब, मजदूर, किसान के मुद्दे जोर शोर से उठाते थे दुष्यंत चौटाला भी उतनी ही मजबूती से कमेरे वर्ग की पैरवी करते हैं।
3. जैसे जननायक देवीलाल लोगों के बीच रहना पसंद करते थे, दुष्यंत चौटाला भी उसी तरह अपना ज्यादा समय कार्यकर्ताओं में रहकर और जनसमस्याओं को दूर करने में लगाते हैं।
4. राजनीति की जितनी ऊंची समझ ताऊ देवीलाल को थी राजनीति की बारीकियों को दुष्यंत चौटाला भी उतनी ही तेजी से समझते हैं।
5. जिस तरह किसान मसीहा देवीलाल बुढ़ापा पेंशन, निःशुल्क शिक्षा आदि योजना लेकर आए उसी तरह दुष्यंत चौटाला भी 75% आरक्षण आदि प्रदेश हितैषी योजनाएं लाने की सोच रखते हैं।
6.जैसे चौधरी देवीलाल रात्रि विश्राम, भोजन आदि गाँव में करते थे, दुष्यंत चौटाला भी उसी तरह गांव में ठहरना, रुकना ज्यादा पसंद करते हैं।
7. किसान-कमेरे के कल्याण की जो दूरदर्शी सोच ताऊ देवीलाल की थी बिल्कुल वही दूरदर्शिता दुष्यंत चौटाला की है।
8. जिस तरह पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवीलाल बिल्कुल सादा जीवन जीने में विश्वास करते थे, दुष्यंत चौटाला का जीवन और दिनचर्या भी बिल्कुल ताऊ देवीलाल की तरह साधारण है।
9. राजनीति में जिस तरह चौधरी देवीलाल प्रतिभाओं को आगे लाने में विश्वास करते थे दुष्यंत चौटाला भी उसी तरह प्रतिभाशाली को राजनीति में प्रोत्साहित करते हैं।
10.जिस तरह ताऊ देवीलाल ने बिना किसी क्षेत्र, जाति, धर्म के भेदभाव के सम्पूर्ण समाज के हित के लिए लोकलाज वाली राजनीति की ,दुष्यंत चौटाला भी बड़ी सोच और सिर्फ प्रदेश हित की राजनीति करते हैं।
दुष्यंत चौटाला को ताऊ देवीलाल की परछाई, जननायक का दूसरा रूप कहा जाता है। लोगों को भी उम्मीद है जितना बड़ा कद देश की राजनीति में ताऊ देवीलाल का था उतना ही बड़ा कद दुष्यंत चौटाला का होगा क्योंकि सबसे युवा सांसद, युवा उपमुख्यमंत्री बनकर अपनी प्रतिभा वो पहले ही साबित कर चुके हैं।
*वही जज्बा, वही जोश, वही नीति, वही संस्कार*
*वही योजनाएं, वही घोषणाएं, वही इरादे, वही विचार*
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